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SUPERSTITIOUS

 

Superstitious

निशाचरो के लिए विशेष कथा है अवश्य पढ़े 🙏 

एक बुढ़िया थी वह कुछ ऊंचा सुनती थी ! 

उसके बेटे की शादी हुये तीन-चार साल हो चुके थे कोई बच्चा नहीं हुआ था 

बुढ़िया परेशान एक दिन वह गांव में एक ब्राम्हण भगत के यहां उसके दरबार में गयी ! भगत के ऊपर देवता की सवारी थी बुढ़िया बोली महाराज मेरी बहु को अभी तक कोई बच्चा नहीं हुआ ! 

भगत बोला जा गऊमूत्र लेकर आ ! 

बुढ़िया ने ऊंचा सुनने के कारण बहुमूत्र समझा वह घर गयी और अपनी बहु से बोली ओ बहुरिया एक कटोरे में अपना मूत्र देदे ! 

बहु ने पूछा मूत्र किस लिये? 

बुढ़िया बोली भगत के सिर देवता सवार हैं उन्होनें मंगाया है.! 

बहु ने पीछा छुड़ाने के लिये कटोरे में मूत्र दिया और अपनी सास को दे दिया ! 

वह बुढ़िया मूत्र का बर्तन लेकर वापिस भगत के दरबार में गयी ! 

भगत के सिर पर सवार देवता बोला बुढ़िया ले आयी ?

बुढ़िया बोली हां महाराज। 

भगत बोला ला दे ! 

बुढ़िया ने वह मूत्र का बर्तन भगत को दिया ! 

भगत ने उस मूत्र पर कुछ मंत्र बड़बड़ाये और गौमाता का आशीष मान अमृत मान खुद पिया और सबको थोड़ा-थोड़ा पिलाया और अपने ऊपर और सबके ऊपर छिड़का 🤣और बुढ़िया से कहा कि तू भी पी लें इस अमृत तुल्य पवित्र प्रसाद को और अपने ऊपर छिड़क ले और बचा हुआ अपनी बहु को पिला देना अब इसे मंत्रों से सिद्ध किया जा चुका है। 

तेरी बहु को बच्चा हो जायेगा.! 

बुढ़िया खुशी -खुशी घर गयी और बहु से बोली यह प्रसाद पी लें बहु आयी और देखा कि यह तो उसी का मूत्र है ! 

बहु ने साफ इन्कार कर दिया कि वह अपना मूत्र नहीं पियेगी ! 

बुढ़िया बोली वहां दरबार में देवता ने पिया, मैंने पिया पर तू क्यों नहीं देवता का कहना मानती.! 

बहु बोली देवता के सात पुरखे मूत पी लें और तुम्हारें सात पुरखे पी लें पर मैं तो अपना मूत्र नहीं पियूंगी..! 

बुढ़िया परेशान वह फिर ब्राम्हण भगत के दरबार में गयी जहां देवता की सवारी थी ! 

भगत ने पूछा बुढ़िया अब क्या परेशानी है ! 

बुढ़िया बोली बहु ने तो यह प्रसाद पीने से मना कर दिया ! 

देवता ने पूछा क्यों ?

बुढ़िया बोली कि बहु ने कहा कि वह अपना मूत्र कभी नहीं पियेगी.! 

भगत जोर से बोला क्या ? अपना मूत्र ! बुढ़िया क्या तू गऊ मूत्र नहीं लायी थी 😳 

बुढ़िया बोली आपने ही तो बहूमूत्र मंगाया था ! 

भगत बोला बुढ़िया तेरा सत्यानाश हो सबको अपवित्र कर दिया मैंने तो गऊमूत्र मंगाया था.! 

अब बुढ़िया की बारी थी उसने चप्पल उतारी और भगत पर बजानी शुरू की कि कौन- सा देवता सवार है? जो तुझे पता नहीं चला कि किसका मूत्र है ! मैं तो ऊंचा सुनती थी तू तो देवता था तुझे तो सब पता होना चाहिये था ! 😂😂😂 

वहां मौजूद दूसरे लोगों ने भी बुढ़िया की तरफदारी की और भगत को धो दिया..! 😆😆😆😆😆😆😂 

जिन्होंने इस को पढा वह कमेंट करके बताएं आपको इससे क्या शिक्षा मिली???
Tukaram Bhau Bisen
Tukaram Bhau Bisen

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